Intraday calls for 08-12-11
Markets likely to open lower, Support for Nifty at 5000 and resistance at 5070
Buy Raymond around 405 for a target of 416, SL 398
SL triggered in LT
SMS Alerts, no more page refreshes required
349 Responses
{ ADD YOUR OWN }Leave a Reply
Subscribe to Comments feedLatest Query
- by Sam
Search Our Archives
Research Desk
- Stocks Trading above their 50 day moving average - DMA In Stock Research
- Download free Ebooks based on Technical Analysis In Personal Training
- TOP 100 Stocks with the Highest P/E as on July 14th, 2013 In Stock Research
- TOP 100 Stocks with the Lowest P/E as on July 14th, 2013 In Stock Research
- Charting Pathsala - Your guide to Techincals In Technical Analysis
ravi Says:
December 8th, 2011
Posted at: 12:55 pm
HIcb i am holding idbi@ 98.4 should i exit or average it at cmp
Kb Says:
December 8th, 2011
Posted at: 12:55 pm
Hi SAI, never look it as sharp levels, take it as a zone +/- 10 points.. that wil be better.
Hi CB, :PPPPPPPP
SS Says:
December 8th, 2011
Posted at: 12:56 pm
Hi CB,
wht is dragging the mkt ? Inflation number too good. Europe fut in Green...
CB Says:
December 8th, 2011
Posted at: 12:58 pm
Hi ravi, no, dont add more yet
Ravi Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:01 pm
CB sir, how do you feel the europe market open?
CB Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:01 pm
Hi SS, seems overall selling pressure after it broke 5000.
CB Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:01 pm
Hi Ravi, likely to open flat.
RAVS Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:03 pm
hI cb, 5000 PUT HAS COME TO 128 AFTER REACHING 151. sHOULD i EXIT NOW OR HOLD.
i AM HOLDING AT 104
dak Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:03 pm
Cb, what do I do with reliance futures now ? (short at 768, now at 790 but seems to be taking support here)
ani Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:03 pm
Hi CB,
sir very happy with the market...still holding 4700PE and 4600 [email protected] fr 4700 adn [email protected]..
please let me knw at price shld i sell it.....on another fall of 2000-300 ponts or keep holding it fr nxt week..
regds,
ani
ttsathya Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:04 pm
Sir Sold Appollo tyrs fut @ 66.6 Pl advice
Chandan Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:04 pm
Hi CB/Karthik,
Will EDUCOMP Come UP again?
CB Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:05 pm
Hi RAVS, yes, exit for now. shall enter again once europe opens
Hi dak, hedge with a 820 call for now if possible
Hi ani, :) as of now hold these. lets see how European markets open.
CB Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:05 pm
Hi ttsathya, its a hold. can see 68
Hi Chandan, below 220 looks a bit weak
CB Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:05 pm
ill be back in some time.
sachin shukla Says:
December 8th, 2011
Posted at: 1:06 pm
नेताओं की इज़्ज़त ही कहां बची है जो बेइज़्ज़ती होगी ?
अभी तक तो सरकार अपने प्रिय भ्रष्टाचार पर ही रोक लगाने के लिये मज़बूत लोकपाल लाने से बच रही थी लेकिन अब वह अरब देशों में सोशल नेटवर्किगं साइट्स जैसे फेसबुक और ब्लॉग आदि के ज़रिये हुयी बग़ावत से डरकर इंटरनेट पर रोक लगाने को पेशबंदी करने पर उतर आई है। इसको कहते हैं विनाशकाल विपरीत बुध्दि। किसी ने सुपर पीएम सोनिया गांधी की शान में सोशल नेटवर्किंग साइट पर ज़रा सी गुस्ताखी क्या कर दी, पूरे देश में फेसबुक और ब्लॉग से आग लगने का ख़तरा दिखाई देने लगा। ये साईटें इतने लंबे समय से काम कर कर रही हैं लेकिन आज तक किसी को कोई शिकायत हुयी भी तो मौजूदा कानून के ज़रिये साइबर क्राइम का मामला थाने में दर्ज हो गया।
अगर पुलिस ने किसी केस में मुक़द्मा लिखने में हील हवाला किया तो सीधे कोर्ट में मामला दायर कर दिया गया। ज़्यादा पुराना मामला नहीं है पिछले दिनों कांग्रेस के बदज़बान और शातिर भोंपू दिग्विजय सिंह के खिलाफ जब इंटरनेट पर अन्ना हज़ारे पर कीचड़ उछालने के कारण जमकर टिप्पणियां होने लगी तो उन्होंने लोगों को डराने के लिये दिल्ली के एक थाने में साइबर क्राइम का मामला दर्ज करा दिया था। इससे पहले भी ऐसे मामले दर्ज होते रहे हैं। लेकिन इससे कोई खास अंतर नहीं पड़ा।
सवाल यह नहीं है कि सोशल नेटवर्किंग साइट पर कोई गैर कानूनी काम करता है तो उसका क्या किया जाये सवाल यह है कि एक देश में दो कानून नहीं चल सकते। एक आम आदमी सरकार और उसकी पुलिस के अत्याचार और अन्याय के कारण या भूख से मर भी जाये तो कोई हंगामा नहीं होता जबकि एक दागदार नेता को कोई आदमी महंगाई से तंग आकर एक चांटा मार दे तो आसमान सर पर उठालो। ऐसे ही आज सोनिया गांधी पर अगर किसी ने फेसबुक पर कोई नाज़ेबा कमेंट कर दिया तो पूरी सरकार एक्टिव हो गयी। फेसबुक के संचालकों को टेलिकॉम मिनिस्टर ने अपने ऑफिस में बाकायदा तलब कर लिया। उनको यह तालिबानी आदेश दिया गया कि फेसबुक या ब्लॉग पर ऐसा कुछ नहीं आना चाहिये जिससे किसी नेता की तौहीन हो। इसका मतलब बिना किसी कानून के ही सेन्सर लागू कर दिया गया। सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार हो या फिर साम्प्रदायिक और अश्लील टिप्पणी की जाये। इससे देश की सभ्यता और संस्कृति एवं अमन चैन को ख़तरा नज़र आने लगा।
क्या इससे पहले जब कांग्रेस ने ऐसी राजनीति की जिससे दंगे हुए , साम्प्रदायिकता और जातिवाद बढ़ा तब देश के अमन चैन की याद नहीं आई थी। जब बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाया गया था और इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों का कत्लेआम होने पर राजीव गांधी ने यह कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है तब देश का भाईचारा ख़तरे में नहीं पड़ा था?
ऐसा लगता है कि सरकार को यह नज़र आने लगा है कि जिस तरह से मीडिया और ख़ासतौर पर टीवी चैनल उसके खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर अभियान चला रहे हैं अगर यह सिलसिला जारी रहा तो इंटरनेट पर उसके लिये ऐसे हमले तेज़ हो सकते हैं जिनका न तो उसे पता चलेगा और न ही वह उनको रोक पायेगी। इससे वह विपक्ष की बजाये इलेक्ट्रनिक मीडिया से चुनाव से पहले ही हार रही है। इसीलिये उसने फेसबुक और ब्लॉग को जड़ से रोकने का क़दम उठाया है। उसने यह नहीं सोचा कि उसके खिलाफ लोगों ने इंटरनेट पर यह अभियान क्यों छेड़ रखा है।
उसने अपने फेस को न देखकर सीधे आईने पर वार करने की कोशिश की है लेकिन वह यह नहीं जानती कि आज सरकार की ही नहीं किसी भी नेता की जनता की नज़र में कोई खास इज़्ज़त बाकी नहीं रह गयी है जिसको वह सोशल नेटवर्किंग साइट पर रोक लगाकर बचाना चाहती है। वह यह भी भूल रही है कि आज फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट देश में सेफ्टी वाल्व का काम कर रही हैं जिनपर लोग अपने दिल की भड़ास और दिमाग का गुस्सा निकालकर राहत महसूस कर लेते हैं वर्ना एक दो करोड़ लोग जिस दिन अपना विरोध दर्ज करने सड़कों पर उतर आये तो नेपाल के राजा की तरह सरकार को अपनी खाल बचानी मुश्किल हो सकती है।
अब भारत में जनता जाग रही है और वह न तो सरकार को मनमानी करने देगी और न ही पांच साल तक खुली लूट। कांग्रेस अगर अरब मुल्कों में हो रही क्रांति और अमेरिका और यूरूपीय मुल्कों में चल रहे ऑक्युपाई वाल स्ट्रीट आंदोलन से कुछ सबक ले ले तो बेहतर है वर्ना चुनाव से पहले भी जनता उसको सबक सिखा सकती है।
नज़र बचाकर निकल सकते हो तो निकल जाओ,
मैं इक आईना हूं मेरी अपनी ज़िम्मेदारी है।।